हम इस पोस्ट में Eid Milad-un-Nabi या ईद-ए-मिलाद (Eid-Ul-Milad) के इतिहास और इसके के महत्व के बारे में बात करेंगे। ईद मिलाद-उन-नबी कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है। और कैसे मनाया जाता है। इन सभी प्रश्नों का उत्तर देगें।
ईद मिलाद-उन-नबी त्यौहार की संपूर्ण जानकारी
ईद मिलाद-उन-नबी दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक विशेष अवकाश है। यह पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन की याद दिलाता है, जिन्हें इस्लाम में सबसे बड़ा पैगंबर माना जाता है। मुसलमानों का मानना है कि उनका जन्म इसी दिन वर्ष 570 ई. छुट्टी को मौलिद या भविष्यवक्ता जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है।
ईद मिलाद-उन-नबी मुसलमानों के लिए एक साथ आने और पैगंबर मुहम्मद के जीवन और शिक्षाओं को याद करने का समय है। यह आनंद, प्रतिबिंब और कृतज्ञता का समय है। ईद मिलाद-उन-नबी, जिसे पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक विशेष दिन है।
यह अवकाश पैगंबर मुहम्मद के जन्म का जश्न मनाता है और मुसलमानों के लिए उनके जीवन और शिक्षाओं को याद करने का समय है। ईद मिलाद-उन-नबी आमतौर पर विशेष प्रार्थना सेवाओं, भोजन और उपहारों के साथ मनाया जाता है।
Eid Milad-un-Nabi कब मनाया जाता है।
ईद मिलाद-उन-नबी, जिसे पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला अवकाश है। छुट्टी की तारीख इस्लामी चंद्र कैलेंडर के आधार पर भिन्न होती है, लेकिन यह आमतौर पर रबी अल-अव्वल के महीने में आती है।
ईद मिलाद-उन-नबी पैगंबर मुहम्मद के जीवन को याद करने और मनाने का समय है। वह इस्लाम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, और उनका जन्मदिन दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक विशेष दिन है।
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, यह त्यौहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस साल ईद-ए-मिलाद 2022, 8 अक्टूबर की शाम से लेकर 9 अक्टूबर की शाम तक मनाया जायेगा।
Milad-un-Nabi (ईद मिलाद-उन-नबी) क्यों मनाया जाता है।
इसी दिन यानिकि रबी-उल -अव्वल की 12 तारीख़ को इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लललाहो अलैही व सल्लम ( Prophet Hazrat Muhammad) का जन्म हजरत अब्दुल्लाह और बीबी आमना के घर, और काबा शहर में हुआ था।
इस्लाम धर्म के लोग अपनी खुशी का इजहार करने के लिए अपने प्यारे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, यह त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है।
Eid-Ul-Milad कैसे मनाया जाता है।
क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर में शाम से ही अगला दिन शुरू हो जाता है। इसीलिए ईद उल मिलाद का दिन शुरू होते ही यानिकी शाम से ही नात शरीफ की मजलिसें शुरू हो जाती है।
इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के संदेशों और हदीसो को पढ़ा जाता है। और दुरूद शरीफ पढ़ी जाती हैं, मस्जिदों में नमाजें पढ़ी जाती हैं. और अल्लाह की खूब इबादत की जाती है। और अपने गुनाहों की अल्लाह से माफी मांगी जाती है।
मस्जिदों और घरों में कुरान शरीफ की तिलावत की जाती है। और जुलूस निकाले जाते है। घरों और मस्जिदों को इस्लामिक झंडो और लाइट से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाई दे कर अपनी खुशी का इजहार करते है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है, और जकात (दान) भी दिया जाता है।
यह पैगंबर मुहम्मद के जीवन और शिक्षाओं का जश्न मनाने का समय है, जिन्हें मुसलमानों द्वारा अंतिम पैगंबर माना जाता है। ईद मिलाद-उन-नबी आमतौर पर विशेष प्रार्थनाओं, उपदेशों और अन्य कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है जो पैगंबर मुहम्मद के जीवन का सम्मान करते हैं।
ईद मिलाद उन नबी का अर्थ क्या है?
ईद मीलाद-उन-नबी – पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर ईद मानना।